Wednesday, June 3, 2020

"महानत्यागी बाबा जुमदेवजी के संदेश" क्रमांक:- (३)


    "महानत्यागी बाबा जुमदेवजींचे संदेश"

            [ संदेश दि. ०४/१२/१९७१ ]



           महानत्यागी बाबा जुमदेवजी इनके निवासस्थान पर भगवत कृपा प्राप्ती के बाद हर शनिचर को निराकार बैठक होती थी। निराकार बैठक में बाबा देहभान अवस्था में रहते थे। उस समय उन्होने किये हुए मार्गदर्शन से सेवकों को संदेश मिलता था। उनमें से कुछ विशेष संदेश इस पाठ में दिये है। (जो मुलतः हिन्दी में ही है।)


                                                                       

              [ संदेश दि.०४/१२/१९७१ ]

       

         "भगवत कृपा महानशक्ती है। भगवान को आकार में नही बना सकते। उसे तत्व विश्वास और त्याग से बना सकते हैं। त्याग धैर्य बनेगा। निश्चय से विश्वास बनेगा। भगवान ने आत्मा से निर्जीव वस्तु को सजीव बनाया। देशपर बहुत बड़ी आपत्ती है। इसलिये हमे वहाँ जाना है। हम चलते है"।

                                                                       

लिखने में कुछ गलती हुई हो तो में  "भगवान बाबा हनुमानजी" एवं "महानत्यागी बाबा जुमदेवजी" से क्षमा मांगता हूं।


टिप:- ये पोस्ट कोई भी कॉपी न करे, बल्कि ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।



🔸 ऊपर लिखित आवरण "मानवधर्म परिचय" पुस्तक ( हिंदी ) सुधारित द्वितीय आवृत्ती से है।



सौजन्य:- सेवक एकता परिवार ( फेसबुक पेज )

परमपूज्य परमात्मा एक सेवक मंडळ वर्धमान नगर नागपूर


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1 comment:

परमात्मा एक मानवधर्मात सेवकांनी दसरा सण कशाप्रकारे साजरा करावा.

  "परमात्मा एक" मानवधर्मात सेवकांनी दसरा सण कशाप्रकारे साजरा करावा.         !! भगवान बाबा हनुमानजी को प्रणाम !!       !! महानत्याग...