Monday, June 1, 2020

"महानत्यागी बाबा जुमदेवजींचे" संदेश क्रमांक:- (१)

    "महानत्यागी बाबा जुमदेवजींचे संदेश"

               [ संदेश दि. २०/११/१९७१ ]



           महानत्यागी बाबा जुमदेवजी इनके निवासस्थान पर भगवत कृपा प्राप्ती के बाद हर शनिचर को निराकार बैठक होती थी। निराकार बैठक में बाबा देहभान अवस्था में रहते थे। उस समय उन्होने किये हुए मार्गदर्शन से सेवकों को संदेश मिलता था। उनमें से कुछ विशेष संदेश इस पाठ में दिये है। (जो मुलतः हिन्दी में ही है।)


                  [ संदेश दि.२०/११/१९७१ ]

          

          "इस मार्ग के तत्वपर चलना है। पुराने तत्व बदल देना चाहिये। गलत चलने की भुमिका छोड देना चाहिये। बुरे विचार बंद करना चाहिये। अनेक व्यसन बंद करके भगवत् कृपाको हृदयमे रखकर सत्य, मर्यादा, प्रेम से रहकर जीवन को उठाये। सत्य भुमिका काभय नही मानना चाहिये"।


लिखने में कुछ गलती हुई हो तो में  "भगवान बाबा हनुमानजी"और "महानत्यागी बाबा जुमदेवजी" से क्षमा मांगता हूं।


टिप:- ये पोस्ट कोई भी कॉपी न करे, बल्कि ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।



🔸 ऊपर लिखित आवरण "मानवधर्म परिचय" पुस्तक ( हिंदी ) सुधारित द्वितीय आवृत्ती से है।



सौजन्य:- सेवक एकता परिवार ( फेसबुक पेज )

परमपूज्य परमात्मा एक सेवक मंडळ वर्धमान नगर नागपूर


🌐 हमें सोशल मीडिया पर अवश्य मिले।

सेवक एकता परिवार ( Facebook Page )
https://www.facebook.com/SevakEktaParivar/
सेवक एकता परिवार ( Blogspot )
https://sevakektaparivar.blogspot.com/?m=1
सेवक एकता परिवार (YouTube Channel )
https://www.youtube.com/channel/UCsZFWZwLJ3AzH1FWhYNmu8w

सोशल मीडिया लिंक:-सेवक एकता परिवार

1 comment:

  1. 🙏जी दादा व ताई धन्य महानत्यागी बाबा

    ReplyDelete

परमात्मा एक मानवधर्मात सेवकांनी दसरा सण कशाप्रकारे साजरा करावा.

  "परमात्मा एक" मानवधर्मात सेवकांनी दसरा सण कशाप्रकारे साजरा करावा.         !! भगवान बाबा हनुमानजी को प्रणाम !!       !! महानत्याग...