प्रकरण क्रमांक:- (४१) "परमात्मा एक सेवक मानवधर्म आश्रम, पावडदौना"
भारत में बहोत धर्म और पंथ है। उसी तरह बहोत साधू संत भी है। वे ४ वेद, ६ शास्त्र, पुराण, रामायण और महाभारत इन ग्रंथो के उपर प्रवचन देकर मानव को परमेश्वर के बारे में जगाने का कार्य करते है। ऐसे प्रवचन को सभी स्तर के लोगों का सहभाग होता है। इनको बडे-बडे धनिक लोग मदत देते है। ऐसेही कुछ साधू संतों के भारत में अलग-अलग जगह आश्रम है।
महानत्यागी बाबा जुमदेवजी ने सृष्टी रचयता एक परमेश्वर की कृपा प्राप्त करने के बाद चार तत्व, तीन शब्द और पांच नियमो के जरिये गरीबी, दुखी और तरह- तरहे के रोगो से पिडीत लोगों को मार्गदर्शन करके खुदही मोह, माया, अहंकार का त्याग करके जीवन में तत्व, शब्द और नियमों का पालन करने से परमेश्वरी कृपा प्राप्त कर सकते है। इसी तरह उनको रहनेवाले दुखोसे और तरह-तरह के रोगो से मुक्ती मिलाकर वे अपना जीवन खुद के कार्य से सुख और समाधान से जी सकते है। उन्हे किसी के भी आशिर्वाद की जरुरत नही, यह बाबाने सिध्द कर दिखाया है। बाबाने किये मार्गदर्शन का लाखो लोगो ने स्विकार करने से उनके जीवन सुखी होकर उन्हे इसका आत्मानुभव मिला है। बाबाके मार्गदर्शन के अनुसार चलनेवाले सेवक परमेश्वरी क पिा से खुद अपने दुःखख दूर तो करते ही है, वैसे ही दसरों को भी समाधान देने का काम भी कर सकता है। यह बाबाके अनुभव से सिध्द कर दिखाया है। बाबाने प्राप्त किया हुआ परमेश्वरी कृपा का फायदा लोगों को मिले इसलिये बाबा निरंतर मार्गदर्शन करत आये है। लेकीन उन्होने कभी भी आनेवाले लोगों से कुछ मिले ऐसी आशा रखी नही और निष्काम भाव से मार्गदर्शन किया है और उनसे कभी भी गुरुपुजा ली नही, वैसे ही उन्हे पैर भी पडने नही दिये। ऐसे इस महान व्यक्तीने स्थापित किया मानव धर्म का भी आश्रम हो उसी तरह आश्रम में आनेवाले मानव को परमेश्वर की जागृती मिले ऐसा परमपूज्य परमात्मा एक सेवक मंडळ के पदाधिकारी और सेवकों को लगने लगा। यह विचार मंडळ के पदाधिकारी इन्होने महानत्यागी बाबा जुमदेवजी के सामने रखा। बबाने उन्हे इस बारेमे मंजुरी दी। उस पश्चात मंडळ के पदाधिकारी वैसे ही कार्यकर्ताओने आश्रम के लिये जगह देखना शुरु किया।
लाखनी, जिल्हा भंडारा यहाँ रहनेवाले सेवक श्री. रमेशजी धनजोडे इनकी नागपूर भंडारा महामार्ग के पास मौदा तहसील के पावडदौना गाँव में १२.५ एकड जगह है। और उन्होने वह जगह बेचने के लिए निकाली है, यह मालुम होने से मंडळ के पदाधिकारीयों ने उनसे संपर्क किया और यह खेत आश्रम के लिए अच्छी रहेंगी, उस बारे में कार्यकर्ताओंकी सभा में जानकारी देने में आयी। महानत्यागी बाबा जुमदेवजी को परमेश्वरी कृपा प्राप्त करने का मंत्र मौदा इस गाँव में रहनेवाली व्यक्ती से मिला था । उसी तरह यह जगह महामार्ग के पास रहने के कारण आश्रम के लिए ली जाए ऐसी राय सामने आनेसे और सभी ने इसे मंजुरी देने के कारण विश्वस्त मंडळने उनके तारिख ৭४/९/१९९७ की सभा में १२.५ एकड खेती लेने के लिये करारनामा करने को एकमत से मंजूरी प्रदान की। इस तरह परमपूज्य परमात्मा एक सेवक मंडळ, नागपूर के नाम से बिक्रीपत्र करने में आया। इस जगह पर आश्रम का बांधकाम सुरु करने के लिए महानत्यागी बाबा जुमदेवजी के सुपुत्र डॉ. मनो ठुब्रीकर इनके हाथो २१ जुन १९९८ को भुमी पुजन करके आश्रम के बांधकाम को शुरुवात करने में आयी।।
आश्रम की जगह प्रार्थना स्थल, बाबा की कुटी, निराधार आश्रम का बांधकाय और सौ. वाराणसी ठुब्रीकर उद्यान का काम पुरा होने के बाद उस जगह भव्य सेवक सम्मेलन लेना चाहिए ऐसा निर्णय लेने में आया उस तरह तारिख २६ जनवरी २००० से हर साल गणतंत्र दिन के उपलक्ष में आश्रम स्थल में हवनकार्य, ध्वजारोहन और भखा सेवक सम्मेलन का आयोजन होता है। इस कार्यक्रम में लाखों सेवक महिला पुरुष यह परिवार अपने-अपने खाने के डिब्बे लेकर आते है और कार्यक्रम के बाद वनभोजन का आस्वाद लेते है।
दिन-ब-दिन सेवकों की बढती संख्या देख आश्रम का विस्तारीकरण करने के ख्याल से ज्यादा की जगह लेने में आकर इस वक्त आश्रम की २२ एकड जगह है। महानत्यागी बाबा जुमदेवजी के मार्गदर्शन के नुसार आश्रम में अंधश्रध्दा निर्मुलन, व्यसनमुक्ती अभियान और मानव कल्याण के कार्यक्रम का आयोजन करने में आता हैं। महानत्यागी बाबा जुमदेवजी इन्होने स्थापित किया हुआ "मानव धर्म'" का यह आश्रम रहने की वजह से लाखों सेवक और श्रध्दालु इस जगह आते है। इस कारण इस आश्रम को तीर्थक्षेत्र का रुप प्राप्त हुआ है। इसलिए महाराष्ट्र सरकारने उनके ग्राम विकास और
जलसंधारण विभाग, मंत्रालय, मुंबई इनके तारीख १७ दिसंबर २००९ के पत्र क्रमांक तीर्थपि २००९/प्र.क्र.५३/योजना ७ नुसार मानव धर्म आश्रम, पावडदौना इसका राज्यस्तरीय तीर्थक्षेत्र ब दर्जा स्थल करके घोषित किया है। इसलिए इस आश्रम का विदर्भ का एक प्रमुख तीर्थस्थल का स्थान प्राप्त हुआ है।
इस आश्रम के दक्षिण पुर्व की तरफ भव्य प्रार्थना स्थल निर्माण करने का काम सेवको से मिलने वाले आश्रमनिधी से करने में आ रहा है और इसके लिए सेवको का बडे पैमाने पर सहयोग मिल रहा है। इसी तरह आश्रम के सौंदर्यींकरण के लिए महाराष्ट्र सरकार की तरफ से सहायता मिलने वाली है। उसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। सेवकों की मदत और सरकार की मदत से मानव धर्म आश्रम एक प्रेक्षणिय तीर्यक्षेत्र स्थल करके जल्द ही बनकर तैयार हो रहा है।
नमस्कार..!
लिखने में कुछ गलती हुई हो तो में "भगवान बाबा हनुमानजी"और "महानत्यागी बाबा जुमदेवजी" से क्षमा मांगता हूं।
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🔸 ऊपर लिखित आवरण "मानवधर्म परिचय" पुस्तक ( हिंदी ) सुधारित द्वितीय आवृत्ती से है।
सौजन्य:- सेवक एकता परिवार ( फेसबुक पेज )
परमपूज्य परमात्मा एक सेवक मंडळ वर्धमान नगर नागपूर
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